तेल नीर, तेल पसार चैरासी सहस्र डाकिनीर छेल, ऊँ ऐं हीं श्रीं हीं हूं हैं ऊँ नमो भगवते महाबल पराक्रमाय • रोली, कपूर, चंदन तथा गोरोचन समान मात्रा में मिलाकर गंगाजल में घोंटकर तिलक लगाने से देखने वाले व्यक्ति वशीभूत होते हैं। यक्ष राक्षस भैरव बेताल ग्रह राक्षसादिकम क्षणेन हन https://zanekgyrk.blog-a-story.com/15429762/the-single-best-strategy-to-use-for-vashikaran